भारतीय इतिहास के साल 1739 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म 'मस्ताने' सिख योद्धाओं की वीरता व उनके दृढ़ साहस और अटूट दृढ़ संकल्प की कहानी है।
फिल्म मे दिखाया गया है कि गुरु की कृपा से कैसे सिख योद्धा उस समय के मुगलों को अपनी वीरता और दृढ़ संकल्प से परास्त कर देते हैं।
आपको बता दे पंजाबी भाषा में बनी यह पहली फिल्म है जो हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम में रिलीज हो चुकी है।
फिल्म 'मस्ताने' की कहानी उस समय की है, जब ईरान के तत्कालीन शासक नादिरशाह ने भारत को लूटा था और औरतों और बच्चों को दास के रूप में बेचने के लिए पकड़ लिया |
उत्तरी पंजाब से होते हुए ईरान लौटते समय nadirshah पहली बार सिखों से सामना हुआ।
चंद सिख योद्धाओं ने नादिरशाह के सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे।
नादिर शाह को लगा कि इसमें लाहौर के शासक का हाथ हो सकता है।
वह लाहौर के शासक से यह जानने की मांग करता है कि सिख कौन हैं? इस सवाल का ही जवाब है फिल्म ‘मस्ताने’।
इस फिल्म मे जैसे दिखाया गया है की जब सिक्खो को पता चला की नादिरशाह कुछ हिन्दू औरतों को उठा कर अपने साथ ले जा रहा है
उनके घर वालो ने सिक्खो से फर्याद की , की उनकी औरतों और बछों को बचाया जाए
तब थोड़े से सिक्खो ने ही , नादिरशाह की इतनी बड़ी फौज को हारा कर उन औरतों और बच्चो को नादिरशाह के कब्जे से बचा कर उनके परिवारों को सौप दिया परंतु
इसके पीछे एक कड़वी सच्चाई यह भी है की कुछ परिवारों ने अपनी ओरतों को वापिस लेने से माँ कर दिया था | वह औरते बाद मे सिक्खो के शरण मे चली गई थी |
पूरी मस्ताने मूवी इसी कहानी के इर्द गिर्द घूमती है |