ईश्वर को तर्क के माध्यम से समझ पाना असंभव है  ,  भले ही जीवन भर तर्क क्यो न किया जाए 

ज्ञान को शांत मन से ही प्राप्त किया जा सकता है ,  आपका ज्ञान ही आपका मार्ग प्राशस्त करेगा 

अपनी मेहनत की कमाई का थोड़ा सा हिस्सा दान अवश्य करे ,  यह कर्म आपके जीवन मे बड़ा सुख प्रदान करेगा 

संसार मे न तो कोई हिन्दू है न ही कोई मुस्लिम ,  मनुष्य सिर्फ मनुष्य है 

अपनी कमाई का 10वां हिस्सा परोपकार के लिए  और अपने समय का 10वां हिस्सा प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। 

जब आप किसी की मदद करते हैं  तो ईश्वर आपकी मदद करता है।

सच्चा प्रेम ईश्वर की भक्ति के समान है  

निःस्वार्थ भाव से किसी की मदद करना   ईश्वर की  भक्ति करने के समान हैं 

हम सब मे ईश्वर का अंश है , स्व्यम को पहचानो और निर्विकार बनो